Reshim Kheti Ki Marathi Books Kharide । रेशम खेती मराठी बुक ऑनलाइन खरीदे ।
Reshim Kheti Ki Marathi Books Kharide । रेशम खेती मराठी बुक ऑनलाइन खरीदे ।
Reshim Kheti Book |
Reshim Kheti (रेशम की खेती) डेयरी खेती, बकरी पालन और पोल्ट्री खेती जैसा एक खेतीपूरक व्यवसाय है। यह व्यवसाय बहुत कम लागतसे और किसानों के पास उपलब्ध साधन सामग्रियों द्वारा किया जा सकता है। यह व्यवसाय में कम श्रम में ज्यादा फायदा किसान कर सकता है । Reshim Kheti व्यवसाय में किसान अपने घर के छोटे लोगों को इस खेती के व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर सकते है। एक महीने से भी कम समय में किसान Reshim Kheti से समय में अधिकतम उपज प्राप्त कर सकते हैं। Reshim Kheti में तयार रेशम को सरकार द्वारा गारंटीकृत खरीद की गारंटीकृत दर की गारंटी है।
Reshim Kheti में उपयोगी शहतूत की लागत ।
Reshim Kheti के लिए शहतूत लगाया जाता है, शहतूतका उत्पादन लगभग किसी भी मिट्टी में आसानीसे लिया जासकता है। शहतूत की पट्टे की खेती पद्धतिके कारण, शहतूत की खेती की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है। पट्टे प्रणाली के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। एक एकड़ के गन्ने को लगने वाली फसल के पानी से 3 एकड़ शहतूत की उपज की जा सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि शहतूत रोपण के 15 साल बाद जीवित रहता है, इसलिए हर साल इसे लगाने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए खेती की लागत अन्य फसलों की तरह बार-बार नहीं आती है। शहतूत को भले ही अप्रैल, मई में पानी न मिले, शहतूत की फसल को कोई नुकसान नही होता।
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Reshim Kheti के फायदे
Reshim Kheti व्यवसाय किसानों द्वारा कम से कम पहाड़ी इलाकों में कम से कम मनुष्यबळ द्वारा किया जा सकता है। किसान जो डेयरी, कुक्कुट और गन्ना, अंगूर इत्यादि व्यवसाय करते है वेभी इस व्यवसाय को अच्छी तरह से कर सकते हैं।
Reshim Kheti से अन्य लाभ -
1. रेशम कीड़े की विष्ठा सुग्रास पद्धतिसे जानवरो को खास कर दुधारू जानवरों को खिलाने से 1 से 1.5 लीटर दूध बढ़ाता है।
2. शहतूत के सूखे पत्ते और रेशम कीड़े के विष्ठे से गोबरगैस तयार की जासकती है ।
3. शहतूत के सूखे पत्तो और लकड़ी का रसोई के ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. रेशम उद्योग से, देश को विदेशी मुद्रा मिलती है और देश के विकास में योगदान देता है।
5. शहतूत की पौधों की हरसाल छटाई करनी चाहिए। इस छटाई से मिलनेवाली कोष सरकार द्वारा खरीदा जाता है जिससे Reshim Kheti हर साल 3,0000 / - से 4500 / - की कमाई बढ़ जाती है।
6. शहतूत के पौधों में विटामिन सी और विटामिन के बहुत सारे हैं। इसलिए इस पौधों को आयुर्वेदिक महत्व है।
7. विदेशों में शहतूत की पत्ते की चाय और शराब बनाई जाती हैै।
8. कोकून का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं और सौंदर्य बर्तनों में किया जाता है।
2. शहतूत के सूखे पत्ते और रेशम कीड़े के विष्ठे से गोबरगैस तयार की जासकती है ।
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5. शहतूत की पौधों की हरसाल छटाई करनी चाहिए। इस छटाई से मिलनेवाली कोष सरकार द्वारा खरीदा जाता है जिससे Reshim Kheti हर साल 3,0000 / - से 4500 / - की कमाई बढ़ जाती है।
6. शहतूत के पौधों में विटामिन सी और विटामिन के बहुत सारे हैं। इसलिए इस पौधों को आयुर्वेदिक महत्व है।
7. विदेशों में शहतूत की पत्ते की चाय और शराब बनाई जाती हैै।
8. कोकून का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं और सौंदर्य बर्तनों में किया जाता है।
दोस्तो Reshmi Kheti के बारे में अधिक जानने के लिए आपको श्री. संजय फुले द्वारा मराठी लिखित "हमखास पैसा देणारी ....रेशिम शेती" ये किताब आप घरबैठे खरीद सकते है ।
किताब का नाम : हमखास पैसा देणारी ....रेशिम शेती"
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लेखक : श्री. संजय फुले
भाषा माध्यम : मराठी
किमत : रु 225/-
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हमखास पैसा देणारी ....रेशिम शेती किताब ख़रीदनेके लिए यहाँ क्लिक करे।
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Reviewed by Nitesh S Khandare
on
November 07, 2018
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